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“अबे खाली-पीली मेरा टाइम खोटा किया, दिमाग में टेंशन दिया उसके पैसे। इतनी देर में मैं तेरे तीन बापों को निपटा चुकी होती। भगवान बचाए तेरे जैसे नामर्द ग्राहकों से! साले घर पे बीवी के साथ भी ऐसा ही करता है क्या? अगर हां तो बच्चे जरूर पड़ोसियों पर गये होंगे, शक्ल मिलाकर देखना।”

जहां भी उसके कदम पड़ते, बने बनाये काम बिगड़ जाते। जिस काम में हाथ डालता मुसीबतें गले पड़ जातीं। किसी दोस्त की गर्लफ्रैंड से मिलता तो अगले ही दिन वो उसकी एक्स गर्लफ्रैंड बन जाती। किसी शादीशुदा दोस्त के घर में आना-जाना करता तो मियां-बीवी में लड़ाई-झगड़े शुरू हो जाते। किसी की रूठकर मायके गई बीवी को मनाने पहुंचता तो नौबत तलाक तक जा पहुंचती थी।
ऐसा ही किरदार था विशाल सक्सेना उर्फ पनौती का!

भूमिका - दीपिका पादुकोण ने शादी कर ली, ये खबर सुनकर बलुआ मोहल्ले में घूम-घूमकर लोगों को बताने लगा कि दीपिका बेवफा है, बलुआ उससे मोहब्बत करता था फिर भी उसने सात फेरे किसी और के साथ ले लिए! ये फिल्मों वाली होती ही ऐसी हैं, कपड़े की तरह अपना प्यार बांटती फिरती हैं। 

वो हसीन थी दिलकश थी। एक ऐसी युवती थी जिसे देखकर लोग वाह!-वाह! कह उठते थे। मगर राजधानी की सड़कों पर एक दिन उसका ये रूप ही उसके जी का जंजाल बन गया। हैवानो के चंगुल में फंसी एक खूबसूरत युवती की दास्तान है अंधेरी रात में अकेली लड़की।

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